آية :
1
وَٱلسَّمَآءِ ذَاتِ ٱلۡبُرُوجِ
क़सम है बुर्जों वाले आकाश की!
آية :
2
وَٱلۡيَوۡمِ ٱلۡمَوۡعُودِ
और क़सम है उस दिन की, जिसका वादा किया गया है!
آية :
3
وَشَاهِدٖ وَمَشۡهُودٖ
क़सम है गवाह की और उसकी, जिसके बारे में गवाही दी जाएगी!
آية :
4
قُتِلَ أَصۡحَٰبُ ٱلۡأُخۡدُودِ
खाई वालों का नाश हो गया![1]
آية :
5
ٱلنَّارِ ذَاتِ ٱلۡوَقُودِ
जिसमें ईंधन से भरी आग थी।
آية :
6
إِذۡ هُمۡ عَلَيۡهَا قُعُودٞ
जबकि वे उस (के किनारों) पर बैठे हुए थे।
آية :
7
وَهُمۡ عَلَىٰ مَا يَفۡعَلُونَ بِٱلۡمُؤۡمِنِينَ شُهُودٞ
और वे ईमान वालों के साथ जो कुछ कर रहे थे, उस पर गवाह थे।
آية :
8
وَمَا نَقَمُواْ مِنۡهُمۡ إِلَّآ أَن يُؤۡمِنُواْ بِٱللَّهِ ٱلۡعَزِيزِ ٱلۡحَمِيدِ
और उन्हें ईमान वालों की केवल यह बात बुरी लगी कि वे उस अल्लाह पर ईमान रखते थे, जो प्रभुत्वशाली और हर प्रकार की प्रशंसा के योग्य है।
آية :
9
ٱلَّذِي لَهُۥ مُلۡكُ ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَٱلۡأَرۡضِۚ وَٱللَّهُ عَلَىٰ كُلِّ شَيۡءٖ شَهِيدٌ
वह (अल्लाह) कि जिसके लिए आकाशों और धरती का राज्य है, और अल्लाह हर चीज़ से अवगत है।
آية :
10
إِنَّ ٱلَّذِينَ فَتَنُواْ ٱلۡمُؤۡمِنِينَ وَٱلۡمُؤۡمِنَٰتِ ثُمَّ لَمۡ يَتُوبُواْ فَلَهُمۡ عَذَابُ جَهَنَّمَ وَلَهُمۡ عَذَابُ ٱلۡحَرِيقِ
निश्चय जिन लोगों ने ईमान वाले पुरुषों और ईमान वाली स्त्रियों को परीक्षण में डाला (सताया), फिर तौबा न की, तो उनके लिए जहन्नम की यातना है तथा उनके लिए जलाने वाली यातना है।
آية :
11
إِنَّ ٱلَّذِينَ ءَامَنُواْ وَعَمِلُواْ ٱلصَّٰلِحَٰتِ لَهُمۡ جَنَّٰتٞ تَجۡرِي مِن تَحۡتِهَا ٱلۡأَنۡهَٰرُۚ ذَٰلِكَ ٱلۡفَوۡزُ ٱلۡكَبِيرُ
निःसंदेह जो लोग ईमान लाए और उन्होंने अच्छे काम किए, उनके लिए ऐसे बाग़ हैं, जिनके नीचे नहरें बह रही हैं और यही बहुत बड़ी सफलता है।[2]
آية :
12
إِنَّ بَطۡشَ رَبِّكَ لَشَدِيدٌ
निःसंदेह तेरे पालनहार की पकड़ बड़ी सख्त है।
آية :
13
إِنَّهُۥ هُوَ يُبۡدِئُ وَيُعِيدُ
निःसंदेह वही पहली बार पैदा करता है और (वही) दूसरी बार पैदा करेगा।
آية :
14
وَهُوَ ٱلۡغَفُورُ ٱلۡوَدُودُ
और वह है जो अत्यंत क्षमा करने वाला, बहुत प्रेम करने वाला है।
آية :
15
ذُو ٱلۡعَرۡشِ ٱلۡمَجِيدُ
वह अर्श (सिंहासन) का मालिक, बड़ा गौरवशाली है।
آية :
16
فَعَّالٞ لِّمَا يُرِيدُ
वह जो चाहता है, कर गुज़रने वाला है।[3]
آية :
17
هَلۡ أَتَىٰكَ حَدِيثُ ٱلۡجُنُودِ
(ऐ नबी!) क्या तुम्हें सेनाओं की ख़बर पहुँची है?
آية :
18
فِرۡعَوۡنَ وَثَمُودَ
फ़िरऔन तथा समूद की?[4]
آية :
19
بَلِ ٱلَّذِينَ كَفَرُواْ فِي تَكۡذِيبٖ
बल्कि वे लोग जिन्होंने कुफ़्र किया, झुठलाने में लगे हुए हैं।
آية :
20
وَٱللَّهُ مِن وَرَآئِهِم مُّحِيطُۢ
और अल्लाह उनके पीछे से (उन्हें) घेरे हुए है।[5]
آية :
21
بَلۡ هُوَ قُرۡءَانٞ مَّجِيدٞ
बल्कि वह गौरव वाला क़ुरआन है।
آية :
22
فِي لَوۡحٖ مَّحۡفُوظِۭ
जो लौह़े मह़फ़ूज़ (सुरक्षित पट्टिका) में लिखा हुआ है।[6]