Terjemahan makna Alquran Alkarim

Terjemahan Berbahasa India

Scan the qr code to link to this page

سورة الصف - सूरह अस-सफ्फ

Nomor Halaman

Ayah

Tampilkan teks ayat
Tampilkan catatan kaki
Share this page

Ayah : 1
سَبَّحَ لِلَّهِ مَا فِي ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَمَا فِي ٱلۡأَرۡضِۖ وَهُوَ ٱلۡعَزِيزُ ٱلۡحَكِيمُ
अल्लाह के पवित्र होने का गान किया, हर उस चीज़ ने जो आकाशों और धरती में है और वही सब पर प्रभुत्वशाली, पूर्ण हिकमत वाला है।
Ayah : 2
يَٰٓأَيُّهَا ٱلَّذِينَ ءَامَنُواْ لِمَ تَقُولُونَ مَا لَا تَفۡعَلُونَ
ऐ ईमान वालो! तुम वह बात क्यों कहते हो जो तुम करते नहीं?
Ayah : 3
كَبُرَ مَقۡتًا عِندَ ٱللَّهِ أَن تَقُولُواْ مَا لَا تَفۡعَلُونَ
अल्लाह को अत्यंत अप्रिय है कि तुम वह बात कहो, जो तुम करते नहीं।
Ayah : 4
إِنَّ ٱللَّهَ يُحِبُّ ٱلَّذِينَ يُقَٰتِلُونَ فِي سَبِيلِهِۦ صَفّٗا كَأَنَّهُم بُنۡيَٰنٞ مَّرۡصُوصٞ
निःसंदेह अल्लाह उन लोगों से प्रेम करता है, जो उसके मार्ग में पंक्तिबद्ध होकर युद्ध करते हैं, गोया वे एक सीसा पिलाई हुई इमारत हैं।
Ayah : 5
وَإِذۡ قَالَ مُوسَىٰ لِقَوۡمِهِۦ يَٰقَوۡمِ لِمَ تُؤۡذُونَنِي وَقَد تَّعۡلَمُونَ أَنِّي رَسُولُ ٱللَّهِ إِلَيۡكُمۡۖ فَلَمَّا زَاغُوٓاْ أَزَاغَ ٱللَّهُ قُلُوبَهُمۡۚ وَٱللَّهُ لَا يَهۡدِي ٱلۡقَوۡمَ ٱلۡفَٰسِقِينَ
तथा याद करो जब मूसा ने अपनी जाति से कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! तुम मुझे क्यों कष्ट देते हो, जबकि निश्चय तुम जानते हो कि मैं तुम्हारी ओर अल्लाह का रसूल हूँ? फिर जब वे टेढ़े हो गए, तो अल्लाह ने उनके दिलों को टेढ़ा कर दिया और अल्लाह अवज्ञाकारी लोगों को सीधा मार्ग नहीं दिखाता।

Ayah : 6
وَإِذۡ قَالَ عِيسَى ٱبۡنُ مَرۡيَمَ يَٰبَنِيٓ إِسۡرَٰٓءِيلَ إِنِّي رَسُولُ ٱللَّهِ إِلَيۡكُم مُّصَدِّقٗا لِّمَا بَيۡنَ يَدَيَّ مِنَ ٱلتَّوۡرَىٰةِ وَمُبَشِّرَۢا بِرَسُولٖ يَأۡتِي مِنۢ بَعۡدِي ٱسۡمُهُۥٓ أَحۡمَدُۖ فَلَمَّا جَآءَهُم بِٱلۡبَيِّنَٰتِ قَالُواْ هَٰذَا سِحۡرٞ مُّبِينٞ
तथा याद करो जब मरयम के पुत्र ईसा ने कहा : ऐ इसराईल की संतान! निःसंदेह मैं तुम्हारी ओर अल्लाह का रसूल हूँ, उस तौरात की पुष्टि करने वाला हूँ, जो मुझसे पहले आई है तथा एक रसूल की शुभ सूचना देने वाला हूँ, जो मेरे बाद आएगा, जिसका नाम अहमद है। फिर जब वह उनके पास खुले प्रमाणों को लेकर आया, तो उन्होंने कहा यह खुला जादू है।
Ayah : 7
وَمَنۡ أَظۡلَمُ مِمَّنِ ٱفۡتَرَىٰ عَلَى ٱللَّهِ ٱلۡكَذِبَ وَهُوَ يُدۡعَىٰٓ إِلَى ٱلۡإِسۡلَٰمِۚ وَٱللَّهُ لَا يَهۡدِي ٱلۡقَوۡمَ ٱلظَّٰلِمِينَ
और उससे अधिक अत्याचारी कौन है, जो अल्लाह पर झूठ गढ़े, जबकि उसे इस्लाम की ओर बुलाया जा रहा हो? और अल्लाह अत्याचारी लोगों को मार्गदर्शन नहीं देता।
Ayah : 8
يُرِيدُونَ لِيُطۡفِـُٔواْ نُورَ ٱللَّهِ بِأَفۡوَٰهِهِمۡ وَٱللَّهُ مُتِمُّ نُورِهِۦ وَلَوۡ كَرِهَ ٱلۡكَٰفِرُونَ
वे चाहते हैं कि अल्लाह के प्रकाश को अपने मुँहों से बुझा दें तथा अल्लाह अपने प्रकाश को पूरा करने वाला है, यद्यपि काफ़िरों को बुरा लगे।
Ayah : 9
هُوَ ٱلَّذِيٓ أَرۡسَلَ رَسُولَهُۥ بِٱلۡهُدَىٰ وَدِينِ ٱلۡحَقِّ لِيُظۡهِرَهُۥ عَلَى ٱلدِّينِ كُلِّهِۦ وَلَوۡ كَرِهَ ٱلۡمُشۡرِكُونَ
वही है, जिसने अपने रसूल को मार्गदर्शन तथा सत्धर्म (इस्लाम) के साथ भेजा, ताकि वह उसे प्रत्येक धर्म पर प्रभुत्व प्रदान करे, यद्यपि मुश्रिकों को बुरा लगे।
Ayah : 10
يَٰٓأَيُّهَا ٱلَّذِينَ ءَامَنُواْ هَلۡ أَدُلُّكُمۡ عَلَىٰ تِجَٰرَةٖ تُنجِيكُم مِّنۡ عَذَابٍ أَلِيمٖ
ऐ ईमान वालो! क्या मैं तुम्हें ऐसा व्यापार बताऊँ, जो तुम्हें दर्दनाक यातना से बचा ले?
Ayah : 11
تُؤۡمِنُونَ بِٱللَّهِ وَرَسُولِهِۦ وَتُجَٰهِدُونَ فِي سَبِيلِ ٱللَّهِ بِأَمۡوَٰلِكُمۡ وَأَنفُسِكُمۡۚ ذَٰلِكُمۡ خَيۡرٞ لَّكُمۡ إِن كُنتُمۡ تَعۡلَمُونَ
तुम अल्लाह तथा उसके रसूल पर ईमान लाओ और अपने धनों और अपनी जानों के साथ अल्लाह के मार्ग में जिहाद करो। यह तुम्हारे लिए उत्तम है, यदि तुम जानते हो।
Ayah : 12
يَغۡفِرۡ لَكُمۡ ذُنُوبَكُمۡ وَيُدۡخِلۡكُمۡ جَنَّٰتٖ تَجۡرِي مِن تَحۡتِهَا ٱلۡأَنۡهَٰرُ وَمَسَٰكِنَ طَيِّبَةٗ فِي جَنَّٰتِ عَدۡنٖۚ ذَٰلِكَ ٱلۡفَوۡزُ ٱلۡعَظِيمُ
वह तुम्हारे पापों को क्षमा कर देगा और तुम्हें ऐसी जन्नतों में दाखिल करेगा, जिनके तले नहरें बहती हैं और पवित्र आवासों में, जो हमेशा रहने की जन्नतों में हैं। यही बड़ी सफलता है।
Ayah : 13
وَأُخۡرَىٰ تُحِبُّونَهَاۖ نَصۡرٞ مِّنَ ٱللَّهِ وَفَتۡحٞ قَرِيبٞۗ وَبَشِّرِ ٱلۡمُؤۡمِنِينَ
और एक अन्य वस्तु, जो तुम पसंद करते हो। अल्लाह की ओर से सहायता तथा निकट विजय। और ईमान वालों को शुभ सूचना सुना दो।
Ayah : 14
يَٰٓأَيُّهَا ٱلَّذِينَ ءَامَنُواْ كُونُوٓاْ أَنصَارَ ٱللَّهِ كَمَا قَالَ عِيسَى ٱبۡنُ مَرۡيَمَ لِلۡحَوَارِيِّـۧنَ مَنۡ أَنصَارِيٓ إِلَى ٱللَّهِۖ قَالَ ٱلۡحَوَارِيُّونَ نَحۡنُ أَنصَارُ ٱللَّهِۖ فَـَٔامَنَت طَّآئِفَةٞ مِّنۢ بَنِيٓ إِسۡرَٰٓءِيلَ وَكَفَرَت طَّآئِفَةٞۖ فَأَيَّدۡنَا ٱلَّذِينَ ءَامَنُواْ عَلَىٰ عَدُوِّهِمۡ فَأَصۡبَحُواْ ظَٰهِرِينَ
ऐ ईमान वालो! तुम अल्लाह (के धर्म) के सहायक बन जाओ, जिस तरह मरयम के पुत्र ईसा ने ह़वारियों से कहा : अल्लाह की ओर मेरे सहायक कौन हैं? ह़वारियों ने कहा : हम अल्लाह के (धर्म के) सहायक हैं। तो बनी इसराईल में से एक समूह ईमान लाया और एक समूह ने इनकार किया। फिर हमने उन लोगों का, जो ईमान लाए थे, उनके शत्रुओं के विरुद्ध समर्थन किया, तो वे हावी हो गए।
Pengiriman sukses